आज कल इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड बढ़ती जा रही है सभी वर्ग के लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेना पसंद कर रहे हैं और बहुत से लोग इसको लेने के लिए उत्साहित भी है लेकिन बहुत से लोगों के मन में यह भी सवाल है कि क्या इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेना सही है ? इलेक्ट्रिक व्हीकल के कितने फायदे हैं ? साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल के कितने नुकसान हैं ? इन सभी की चर्चा आज की हमारी इलेक्ट्रिक व्हीकल electric vehicle in Hindi की पोस्ट में करेगें। इलेक्ट्रिक व्हीकल से संबंधित सभी जानकारी आपको इस पोस्ट पर मिलेगी इसलिए पोस्ट के अंत तक बने रहे|
इस पोस्ट में हम जानेंगे कि इलेक्ट्रिक वाहन क्या है what is electric vehicle in Hindi, इलेक्ट्रिक वाहन कैसे काम करता है working of electric vehicle, इलेक्ट्रिक व्हीकल का इतिहास history of electric vehicle, इलेक्ट्रिक व्हीकल के प्रमुख भाग part of electric vehicle इलेक्ट्रिक व्हीकल के नुकसान और इलेक्ट्रिक व्हीकल के लाभ disadvantage of electric vehicle and advantage of electric vehicle, और अंत में जानेंगे इलेक्ट्रिक व्हीकल का निष्कर्ष इसलिए इस पोस्ट को पूरी पढ़े और अपना फीडबैक देना भी ना भूलें |

इलेक्ट्रिक वाहन क्या है What Is Electric Vehicle In Hindi
जो भी गाड़ियां बिजली के माध्यम से चलाई जाती है वह सभी गाड़ियां इलेक्ट्रिक व्हीकल के रूप में जानी जाती है|इलेक्ट्रिक व्हीकल को ही शॉर्ट फॉर्म में EV (Electric Vehicle) कहा जाता है। पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों के अंदर हमें इंजन देखने को मिलता है लेकिन हमें इलेक्ट्रिक से चलने वाली गाड़ियों में इंजन देखने को नहीं मिलता है| क्योंकि इलेक्ट्रिक कार में या इलेक्ट्रिक बाइक में पावर का सोर्स ही इलेक्ट्रिक बैट्री होती है|
इलेक्ट्रिक व्हीकल कैसे काम करता है Working Of Electric Vehicle Hindi
एक ऐसा दौर भी आया था जब आज के समय से भी पहले इलेक्ट्रिक व्हीकल चला शुरू हो गए थे| लेकिन पेट्रोल डीजल के मुकाबले में इलेक्ट्रिक व्हीकल इतने अच्छे से चल नहीं पाए लेकिन आज का समय वापस इलेक्ट्रिक व्हीकल का ही आ गया है| क्योंकि आज के दौर में प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि पेट्रोल डीजल के वाहनों को चलाना आसान नहीं है| क्योंकि पेट्रोल और डीजल के वाहन इतना पोलूशन कर रहे हैं कि पृथ्वी पर प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है जिस वजह से ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ता जा रहा है|
इन सभी कारणों को देखते हुए आज के समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल का दौर वापस आ गया है और यह दौर आगे भी चलता रहेगा| क्योंकि इलेक्ट्रिक व्हीकल ना तो प्रदूषण करते हैं और ना ही नॉइस पोलूशन करते हैं। अब जानते हैं इलेक्ट्रिक व्हीकल कैसे काम करता है ? इलेक्ट्रिक कार, इलेक्ट्रिक स्कूटर और भी किसी भी तरह के इलेक्ट्रिक व्हीकल को चलाने के लिए इलेक्ट्रिकसिटी को काम में लिया जाता है।

जिस तरह हम अपने घरों पर देखते हैं कि स्विच ऑन करते ही फैन ऑन हो जाता है उस फैन को घूमने के लिए किसी भी प्रकार की पेट्रोल और डीजल की आवश्यकता नहीं होती है| वह सिर्फ मोटर के माध्यम से इलेक्ट्रिसिटी से कनेक्ट होकर ही काम करता है| उसी प्रकार इलेक्ट्रिक व्हीकल में भी जब इलेक्ट्रिक पावर जनरेट होती है तो उसे मेकेनिकल पावर में कन्वर्ट कर दिया जाता है जिस वजह से हमारा इलेक्ट्रिक व्हीकल चलने लगता है।
इलेक्ट्रिक वाहन में ईंधन के रूप में बिजली (इलेक्ट्रिसिटी ) का उपयोग किया जाता है और इलेक्ट्रिसिटी के लिए लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है जिस प्रकार लिथियम आयरन बैटरी हमारे मोबाइल फोन में हमें देखने को मिलती है उसी प्रकार लिथियम आयरन बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल में भी देखने को मिलती है|
यह बैटरी DC डीसी करंट सप्लाई करती है डीसी करंट की सप्लाई को AC एसी करंट में कन्वर्ट करने के लिए एक इनवर्टर को काम में लिया जाता है। electric vehicle इलेक्ट्रिक व्हीकल कितने किलोमीटर चलेगा| ये निर्णय इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी की क्षमता पर निर्भर करता है कि उस बैटरी की कैपेसिटी कितनी चलने की है|
यह लिथियम आयरन बैटरी रिचार्जेबल बैटरी होती है। यह वह बैटरी नहीं होती है जिन्हें एक बार प्रयोग में आने के बाद में दोबारा प्रयोग में नहीं लिया जा सकता बल्कि यह रिचार्जेबल बैटरी होती है जिन्हे एक बार यूज में लेने के बाद में दोबारा से पुनः चार्ज करके उपयोग में लिया जा सकता है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल में इंजन के स्थान पर मोटर का उपयोग किया जाता है तथा डीजल और पेट्रोल के स्थान पर बैटरी का उपयोग किया जाता है। इनवर्टर से जो AC एसी करंट निकलती है उसके 3 फेस मोटर को दिए जाते हैं जिससे मोटर घूमती है।
इलेक्ट्रिक मोटर की कार्यप्रणाली Working Of Electric Motor
एक सामान्य मोटर को तो हम सभी ने देखा ही होगा। लेकिन इलेक्ट्रिक गाड़ियों में 3 फेस मोटर का इस्तेमाल होता है। ये 3 फेज ऐसी सप्लाई से चलाई जाती है। बात करे इस मोटर की स्पीड की बात करें तो वह लगभग 18000 RPM तक होती है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों में जितनी अच्छी क्षमता मोटर की होगी उतना ही अच्छा गाड़ी का टार्क होता है। यह मोटर इलेक्ट्रिक ऊर्जा को मैकेनिकल ऊर्जा में बदलता है।

इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इतिहास History Of Electric Vehicle In Hindi
बिजली का आविष्कार बेंजामिन फ्रैंकलीन ने किया जिन्होंने इस पूरी दुनिया को बहुत ही बड़ा गिफ्ट दिया है। उनकी बदौलत ही आज हमें एक क्लिक पर रोशनी देखने को मिलती हैं। जिस तरह दुनिया में टेक्नोलॉजी बढ़ती जा रही है बिना इलेक्ट्रिसिटी के शायद ही यह संभव था। टेक्नोलॉजी के बढ़ते जाने का सबसे बड़ा कारण ही इलेक्ट्रिसिटी का आविष्कार था।
बिजली के आविष्कार के बाद 18 वीं सदी के अंत और 19वीं सदी के शुरुआत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का क्रेज बढ़ने लगा। इलेक्ट्रिक गाड़ियां तो 18 वीं सदी के अंत में ही बना ली गई थी जिन की स्पीड भी 100 किलोमीटर प्रति घंटा हुआ करती थी।
इलेक्ट्रिक वाहन के निर्माताओं ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बनाने में बहुत ही दिलचस्पी दिखाई और 19वीं सदी के शुरुआत में ही इलेक्ट्रिक गाड़ियां काफी फेमस हुई। इसे यू समझे तो आज से बहुत साल पहले ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों ने पेट्रोल, डीजल से चलने वाली गाड़ियों को पीछे छोड़ दिया था। लेकिन उस समय इलेक्ट्रिसिटी का इतना ना हो पाना इलेक्ट्रिक गाड़ियों का नुकसान का कारण बना।
क्योंकि यह इलेक्ट्रिक वाहन पूरी तरह से इलेक्ट्रिसिटी पर ही डिपेंडेंट थे। इलेक्ट्रिक गाड़ियों में किसी भी तरह का कोई इंजन नहीं हुआ करता था। जिसके कारण यह इलेक्ट्रिक गाड़ियां सिर्फ इलेक्ट्रिसिटी से ही चलाई जा सकती थी। इलेक्ट्रिक कार की कीमत बहुत ही अधिक होती थी। इलेक्ट्रिसिटी का हर जगह उपलब्ध ना होने के कारण लोगों का रुझान वापस से पेट्रोल डीजल की तरफ बढ़ने लगा। इलेक्ट्रिकल व्हीकल के अंदर करंट लगने का खतरा भी रहता था। वहीं दूसरी और पेट्रोल डीजल के वाहन में इस तरह का कोई भी खतरा देखने को नहीं मिलता था।
इन सभी कारणों के कारण सन 1912 में सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियां भी सन 1925 के बाद में समाप्त होने लगी थी। लेकिन आज फिर से इलेक्ट्रिक गाड़ियों का दौरा आ गया है। जिस तरह पेट्रोल-डीजल से ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ता जा रहा है और पेट्रोल डीजल खत्म होता नजर आ रहा है उसे नजर रखते हुए इलेक्ट्रिक व्हीकल से अच्छा कोई भी रास्ता दुनिया में नजर नहीं आ रहा है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल ही सबसे अच्छा कार गार उपाय निकल कर सामने आ रहा है। जहां कभी इलेक्ट्रिक व्हीकल देखे नहीं जाते थे। आज वहां भी इलेक्ट्रिक व्हीकल देखने को मिल रहा है और बड़े-बड़े प्लांट इलेक्ट्रिक व्हीकल के लगते जा रहे हैं।

बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम Battery Management System
यह एक तरह का गाड़ी की बैटरी के लिए एक सिस्टम होता है। जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल में होने वाली समस्या को battery management system बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम के द्वारा दूर किया जाता है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी में बहुत सारे सेल्स का इस्तेमाल होता है। जिस वजह से उनकी चार्जिंग और डिसचार्जिंग की प्रक्रिया को बड़ी ही सावधानी से मैनेजमेंट किया जाता है। क्योंकि चार्जिंग और डिसचार्जिंग की प्रक्रिया के दौरान करंट और वोल्टेज का स्थिर रहना बहुत ही जरूरी होता है।
इस मैनेजमेंट में यह प्रक्रिया भी सुनिश्चित की जाती है कि बैटरी के सभी सेल्स एक साथ डिस्चार्ज हो और एक साथ ही चार्ज हो। इन सभी प्रक्रियाओं का निवारण BMS battery management system (BMS) के द्वारा दूर किया गया।
Inverter इन्वर्टर
इलेक्ट्रिक वाहन में इनवर्टर का उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि यह इनवर्टर DC करंट को AC करंट में बदलता है। इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी से प्राप्त इलेक्ट्रिसिटी डीसी करंट होता है जिसे एसी करंट में बदलना होता है। जिससे 3 फेस की मोटर को चलाना सुनिश्चित हो जाता है।
इनवर्टर से बैटरी को इनपुट दिया जाता है और इस इनपुट का आउटपुट गाड़ियों की मोटर और अन्य जगहों को प्राप्त होता है। इनवर्टर का काम DC डीसी करंट को AC एसी करंट में बदलना तो है ही साथ ही सप्लाई की तीव्रता को भी कंट्रोल करता है। जिस वजह से इलेक्ट्रिक व्हीकल में लगी मोटर की स्पीड को कम और ज्यादा किया जा सकता है।
पावर कंट्रोल यूनिट Power Control Unit (PCU)
जिस प्रकार हमें कंप्यूटर के अंदर CPU सीपीयू देखने को मिलता है। जो कंप्यूटर के सभी कार्यों को करने में सहायक होता है। उसी प्रकार इलेक्ट्रिक व्हीकल में भी हमें power control unit पावर कंट्रोल यूनिट देखने को मिलता है। जो इलेक्ट्रिक व्हीकल के सभी कार्यों की देखरेख करता है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल में PCU पीसीयू इलेक्ट्रिक व्हीकल के माइंड का काम करता है। इलेक्ट्रिक व्हीकल में सभी तरह के नियंत्रण पीसीयू की मदद से ही किए जाते हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल की चार्जिंग और डिसचार्जिंग की प्रक्रिया भी हमें पावर कंट्रोल यूनिट के माध्यम से पता चलती है। इसके साथ ही हमें स्पीड, RPM जैसे सभी पैरामीटर हमें पीसीयू से ही मिलते हैं।
रीजेनरेटिव ब्रेकिंग यूनिट Regenerating Breaking Unit
regenerating breaking unit (RBU) रीजेनरेटिव ब्रेकिंग यूनिट के बारे में आपने इतना नहीं सुना होगा। क्योंकि रीजेनरेटिव ब्रेकिंग यूनिट इलेक्ट्रिक व्हीकल के अंदर ही हमें देखने को मिलता है। रीजेनरेटिव ब्रेकिंग यूनिट सिस्टम की खासियत होती है कि जब भी गाड़ी के ब्रेक लगाए जाते हैं तब इलेक्ट्रिसिटी जनरेट होती है। जनरेट हुई इलेक्ट्रिसिटी से इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी चार्ज हो जाती है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल में जब भी ब्रेक लगाए जाते हैं तो बैटरी से प्राप्त हो रही सप्लाई कट जाती है पर काइनेटिक एनर्जी के कारण इलेक्ट्रिक व्हीकल को मेकेनिकल ऊर्जा मिलती है जिस वजह से इलेक्ट्रिक वाहन की मोटर भी जनरेटर की तरह काम करने लग जाती है।

इलेक्ट्रिकल व्हीकल में चार्जिंग प्वाइंट Charging Point Of Electric Vehicle
सभी इलेक्ट्रिक व्हीकल के अंदर हमें चार्जिंग स्लॉट देखने को मिलता है। जिस प्रकार हमारे फोन के अंदर चार्जिंग जैक होता है उसी प्रकार electric car, electric scooter के अंदर भी हमें चार्जिंग पॉइंट देखने को मिलता है। electric vehicle इलेक्ट्रिक व्हीकल के अंदर चार्जिंग प्वाइंट विकल की बाहर की बॉडी पर दिया जाता है जिसे हम आसानी से plug-in कर सकते हैं। इन इलेक्ट्रिक व्हीकल को चार्ज करने के लिए हमें इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता कंपनी चार्जर भी देती है। जिसकी मदद से हम अपना इलेक्ट्रिक व्हीकल को चार्ज कर सकते हैं।
इलेक्ट्रिक व्हीकल के लाभ Advantage Of Electric Vehicle
- आज के समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल में सबसे बड़ा लाभ यह देखने को मिल रहा है कि यह पेट्रोल और डीजल की तुलना में बहुत ही कम खर्चीली होते हैं। जहां एक तरफ पेट्रोल डीजल की खर्च 5 से लेकर ₹ 20 तक है वही इलेक्ट्रिक गाड़ियों में ₹1 से भी कम यातायात खर्च होता है।
- पृथ्वी पर प्रदूषण की मात्रा इतनी बढ़ गई है कि आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या से जूझ रही है। जिससे मानव का जीवन जीना मुश्किल हो गया है। ये इलेक्ट्रिक व्हीकल इन सभी समस्याओं का समाधान है। क्योंकि यह इलेक्ट्रिक व्हीकल ना तो प्रदूषण करते हैं और ना ही किसी भी तरह का ध्वनि प्रदूषण करते हैं।
- जिन गाड़ियां में इंजन लगा होता है और जो पेट्रोल डीजल से चलती है उनका मेंटेनेंस बहुत ही ज्यादा आता है। लेकिन इलेक्ट्रिक व्हीकल में ऐसा नहीं है इलेक्ट्रिक व्हीकल में इतना सब कुछ नहीं लगा होता है जितना कि एक इंजन में लगा होता है। इस वजह से इलेक्ट्रिक व्हीकल की मेंटेनेंस में इतना खर्चा नहीं आता है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल के नुकसान Disadvantage Of Electric Vehicle
- इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी को चार्ज करने में बहुत ही ज्यादा समय लगता है। आज के समय में किसी के पास में इतना समय नहीं होता है कि वह घंटो तक इंतजार करें शायद इसलिए ही बहुत से लोगों ने इलेक्ट्रिक व्हीकल लेना सही नहीं समझा है क्योंकि वह अपना समय व्यर्थ करना ठीक नहीं समझते हैं।
- इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी बहुत ही ज्यादा महंगी होती है। क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन में सारा खेल बैटरी का ही होता है और इस वजह से इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी काफी महंगी देखने को मिलती है। इन इलेक्ट्रिक बैटरी की लाइफ भी 3 से 5 साल तक की होती है जिस वजह से हर 3 से 5 साल के अंदर बैटरी को बदलना पड़ता है। जो एक आम आदमी के लिए महंगा पड़ता है।
- इलेक्ट्रिकल वाहन महंगे होते हैं उनके महंगे होने का कारण यह भी है कि यह जितनी सुविधा हमें देते हैं पेट्रोल-डीजल के वाहन हमें नहीं दे पाते हैं इसलिए ही इलेक्ट्रिक और महंगे भी होते हैं।
- इलेक्ट्रिक वाहन का सबसे बड़ा नुकसान यह भी है कि इनको लंबी यात्रा पर नहीं ले जाया जा सकता है। वैसे तो बहुत सी कंपनियां अच्छा बैटरी बैकअप देती है जो 500 किलोमीटर तक की यात्रा को भी सुनिश्चित बना देती है लेकिन 500 किलोमीटर के बाद में तो उस बैटरी को चार्ज करना अनिवार्य हो ही जाता है। यह सब हमें पेट्रोल-डीजल के वाहनों में कभी देखने को मिलता ही नहीं है। शायद इस वजह से इलेक्ट्रिक वाहन ना लेने का सबसे बड़ा कारण ये भी है।
- जिस तरह हमें पेट्रोल-डीजल के जगह-जगह पर पंप देखने को मिलते हैं लेकिन इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए ऐसा नहीं है। हमारे देश में अभी चार्जिंग स्टेशन इतने मौजूद नहीं है। जिस वजह से बहुत से लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने में बड़ी ही समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसी वजह से बहुत से लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेना अभी पसंद नहीं कर रहे हैं।
निष्कर्ष Conclusion
आज की इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि इलेक्ट्रिक वाहन क्या है what is electric vehicle in Hindi, इलेक्ट्रिक व्हीकल कैसे काम करता है working of electric vehicle, इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इतिहास history of electric vehicle, इलेक्ट्रिक व्हीकल के प्रमुख भाग parts of electric vehicle, इलेक्ट्रिक व्हीकल के लाभ advantage of electric vehicle, इलेक्ट्रिक व्हीकल के नुकसान disadvantage of electric vehicle , निष्कर्ष इस पूरे आर्टिकल को पढ़ने के लिए धन्यवाद हमें अपना फीडबैक देना ना भूलें।
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इलेक्ट्रिक वाहन क्या है ? What Is Electric Vehicle In Hindi
इलेक्ट्रिक व्हीकल वे वाहन होते हैं जो पेट्रोल-डीजल से नहीं चलते हैं पेट्रोल डीजल के स्थान पर उनमें बैटरी सिस्टम लगा होता है अर्थ अर्थ यह बिजली से चलने वाले वाहन होते हैं।
इलेक्ट्रिक वाहन कैसे काम करता है ?
इलेक्ट्रिक व्हीकल को चलाने के लिए AC करंट की जरूरत होती है जिसके लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल के अंदर एक कनवर्टर लगा होता है। जो डीसी DC को एसी एसी में बदलकर मोटर को सप्लाई देता है। जिससे मोटर रोटेड करना शुरू कर देता है। मोटर के घूमने से गाड़ी के टायर भी घूमते हैं जिस वजह से इलेक्ट्रिक वाहन चलने लगता है।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्यों जरूरी है ?
पेट्रोल, डीजल अनवीनीकरण साधन में आते हैं। इन्हें एक बार उपयोग में लेने के बाद में दोबारा उपयोग में नहीं लिया जा सकता है। जिस वजह से पेट्रोल डीजल की कमी होती जा रही है। पेट्रोल डीजल की कमी होने के कारण इनकी महंगाई भी उस हिसाब से बढ़ती जा रही है जिससे इनका आयात भी महंगा पड़ रहा है।
भारत में ही नहीं अपितु पूरे वर्ल्ड में इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड बढ़ती जा रही है। क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन ना तो प्रदूषण करते हैं और ना ही नॉइस पोलूशन करते है और ना ही इलेक्ट्रिक व्हीकल को पेट्रोल, डीजल की आवश्यकता होती है।
इलेक्ट्रिक कार इतनी महंगी क्यों होती है ?
इलेक्ट्रिक व्हीकल के महंगे होने का सबसे बड़ा कारण लिथियम आयरन बैटरी है। इलेक्ट्रिक व्हीकल में यह बैटरी महंगी तो पड़ती है लेकिन उसको लेने के बाद में आपको पेट्रोल डीजल पर ₹1 भी खर्च करने की जरूरत नहीं होती।
इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए चार्जिंग स्टेशन क्या होता है ?
पेट्रोल डीजल की गाड़ियों को चलाने के लिए पेट्रोल डीजल की आवश्यकता होती है जो कि गाड़ियों को पंप के माध्यम से प्राप्त होता है। ऐसे ही इलेक्ट्रिक व्हीकल को चलाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी की आवश्यकता होती है जो कि चार्जिंग स्टेशन से प्राप्त होती है। इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए चार्जिंग स्टेशन अलग से बनाए जाते हैं जहां पर सिर्फ इलेक्ट्रिक व्हीकल ही चार्ज होता है।